इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दिया स्वच्छता का प्रेरक संदेश,बताया स्वच्छता का जीवन में महत्व
स्वच्छ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है,अपने तन एवं मन सहित आस पास की स्वच्छता हम सबका नैतिक कर्तव्य - डॉक्टर संजय गुप्ता।
स्वच्छता हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलु है जो एक स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करता है। हर व्यक्ति के लिए उनके आस-पास स्वच्छता बनाए रखना ज़रूरी है, चाहे वो उनका घर हो, उनकी वर्कप्लेस हो या समुदाय हो। एक साफ वातावरण न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक आराम भी प्रदान करता है।
नियमित सफाई और ठीक वेस्ट मैनेजमेंट स्वच्छता बनाए रखने में महत्वपूर्ण हैं। सरकार की पहलों और जनता जागरूकता अभियानों ने हाल ही में स्वच्छता को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हम सभी को अपने आसपास की स्वच्छता का मालिक बनना होगा और अपने आप को और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण बनाने के लिए काम करना होगा।स्वास्थ्य है तो सब कुछ है। इसलिए हमें अपने आप को स्वस्थ रखने और स्वस्थ जीवन के महत्व को ध्यान में रखते हुए स्वच्छता से कभी भी समझौता नहीं करना चाहिए। हमें अपने खानपान, अपने जीवन में स्वच्छता को प्राथमिक रूप से दर्जा देना चाहिए और उसे एक जिम्मेदारी के तहत स्वच्छता को एक कर्तव्य समझना चाहिए।
उपरोक्त सभी तथ्यों के मद्देनजर इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में आम एवं खास सभी लोगों को मध्य जागरूकता फैलाने हेतु स्वच्छता का महत्व विषय पर नुक्कड़नाटक का मंचन किया गया। इंडस पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने बहुत ही शानदार तरीके से स्वच्छता के महत्व पर नुक्कड़ नाटक का मंचन किया। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से विद्यार्थियों ने यह संदेश देने का प्रयास किया कि स्वच्छता का हमारे जीवन में कितना महत्व है। यदि हम स्वयं स्वच्छ रहते हैं और अपने आसपास को भी स्वच्छ रखते हैं तो हम कई प्रकार से अपने देश को समृद्ध ,स्वस्थ व स्वच्छ बनाने में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करते हैं। यदि हम स्वस्थ रहते हैं और हमारा आसपास भी स्वच्छ रहता है तो हम सकारात्मक ऊर्जा से सराबोर रहते हैं। विद्यार्थियों ने यह भी संदेश देने का प्रयास किया कि अस्वच्छता विभिन्न प्रकार की बीमारियों को खुला आमंत्रण देती है।
यदि हम स्वयं स्वच्छ हैं और अपने आसपास को भी आस स्वच्छ रखने हैं तो हम स्वयं तो बीमार होंगे ही साथ ही आसपास रहने वाले लोग भी उसकी चपेट में अवश्य आएंगे। विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से प्लास्टिक के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने का भी संदेश दिया। विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बताने का प्रयास किया कि प्लास्टिक का उपयोग किसी भी स्तर से मान्य नहीं है यह जमीन में सड़ता नहीं है यह विभिन्न प्रकार से पर्यावरण के लिए घातक है। मंचस्थ विद्यार्थियों ने यह भी बताया कि स्वच्छता अभियान सिर्फ एक दिन का नहीं है यह एक व्यापक अभियान है, जो प्रतिदिन होना चाहिए। हमारे देश की गणना एक स्वच्छ देश के रूप में विश्व में होनी चाहिए।
नुक्कड़ नाटक में प्रमुख रूप से पायल साहरन, कुमारी रितु, विनीता कंवर ,दीपांश साहू , अभिजीत ,अरनव सिंह, निकिता , अनुष्का चंद्रा, आयशा सिंह, आयुष कुमार, वृद्धि राठौर, नमन छाबड़िया,प्रयाग जायसवाल,आशिका सिंह, हिमांशी कंवर ने भूमिका निभाई।ये सभी विद्यार्थी कक्षा 8 वीं एवं 9 वीं से थे।सभी ने अपनी अभिनय शैली एवं संवाद शैली से सबका दिल जीत लिया। नुक्कड़ नाटक को सभी ने खूब सराहा। गौरतलब है कि इंडस पब्लिक स्कूल विभिन्न प्रकार के सामाजिक सरोकारों से संबंधित अभियानों में प्रारंभ से ही अपनी भागीदारी निभाता रहा है। नुक्कड़ नाटक की पूरी पटकथा विद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ शिक्षक श्री हेमलाल श्रीवास ने तैयार की थी।
विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा कि स्वच्छता सबसे महत्वपूर्ण आदत है जिसे कोई भी अपना सकता है, क्योंकि स्वच्छता और स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। अगर आप साफ-सुथरे हैं, तो आप कई बीमारियों से लड़ सकते हैं और उन्हें रोक सकते हैं, खासकर संक्रामक बीमारियों से। इसके अलावा, स्वच्छता आपके शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बढ़ाती है।जिस प्रकार मनुष्य अपने शरीर को स्वच्छ रखता है ऐसे ही कॉलेज ,घर, गांव को भी स्वच्छ रखने की आवश्यकता है। साफ सफाई से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। कहा कि गंदगी होने से कई प्रकार के कीड़े, मच्छर तथा कीट पतंगे उत्पन्न हो जाते हैं, जो कई बीमारियों को जन्म देते हैं।इसका मतलब है अपने आस-पास और खुद को गंदगी और कीटाणुओं से मुक्त रखना। जब हम स्वच्छता बनाए रखते हैं, तो हम बीमारियों से दूर रहते हैं और एक सुखद वातावरण बनाते हैं। साफ-सुथरे घर और सड़कें हमें सकारात्मक और ऊर्जावान महसूस कराती है।स्वच्छता हमारे आस-पास के वातावरण को एक नया और अच्छा रूप देती है । साफ और इस्त्री किए हुए कपड़े पहनने से आप त्वचा के संक्रमण से सुरक्षित रहते हैं। स्वच्छता चूहों, तिलचट्टों और अन्य परजीवी कीड़ों के प्रवेश को कम करती है। स्वच्छता शरीर, मन और आत्मा को स्वच्छ और शांतिपूर्ण रखकर एक अच्छे चरित्र को जन्म देती है। भारत को स्वच्छ ,समृद्ध और सुंदर बनाना हम सभी का नैतिक कर्तव्य है।